बलिया बलिदान दिवस क्यों मनाया जाता है :-
उत्तर प्रदेश के बलिया जिला के लिए 19 अगस्त का दिन बहुत ही गौरवशाली है। 1942 ई0 में इसी दिन बलिया के सैकड़ों क्रांतिकारियों ने अपनी जान देकर अंग्रेजी शासकों से लोगो लोहा लेते हुए जिला कारागार का दरवाजा खोला, जेल में बंद सभी साथियों को कारागार से आजाद करवाया था। उस समय बलिया 14 दिनों के लिए आजाद हुआ था। भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में विद्रोह की वजह से बलिया को बागी बलिया भी कहा जाता है।
बलिया में आजादी की 81वीं वर्षगांठ मनाई :-
1942 ई0 के भारत छोड़ो आंदोलन में आजाद हुए देश के 3 जिलों में से एक उत्तर प्रदेश के बलिया ने आजादी की 81 वीं वर्षगांठ मनाई है। स्वतंत्रता सेनानियों ने बलिया जिला कारागार का दरवाजा खोल कर चिंटू पांडे सहित शहीद पार्क में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।
19 अगस्त 1942 को अंग्रेजो के खिलाफ आवाहन :-
हमारे भारत देश को आजादी 1947 ई0 में मिली जनपद के तेवर ने 19 अगस्त 1942 को अंग्रेजो के खिलाफ युद्ध के लिए आवाहन किया और बलिया 14 दिन के लिए आजाद रहा। 81 वर्ष पूर्व हुई घटना को दोहराते हुए बलिया जिला कारागार का गेट खोला गया और स्वतंत्रता सेनानियों ने भारत माता की जय के नारे लगाते हुए शहर का भ्रमण किया ।
बलिया बलिदान दिवस पर माननीय आदित्य योगी नाथ द्वारा भावपूर्ण श्रद्धांजलि :-
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बलिया बलिदान दिवस पर आज शुक्रवार को अपना बहुमूल्य समय देते हुए बलिया आए। वह करीब 1 घंटे तक बलिया में रहे और जिला कारागार से ऐतिहासिक जुलूस को हरी झंडी दिखाई l वर्ष 1942 ई0 में इसी तारीख को दिनों के लिए ही सही, बलिया अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हो गया था। इस आजादी के लिए हमारे भारत देश के अनेकों स्वतंत्रता सेनानियों को बलिदान होना पड़ा था और उनको अपने जान गवानी पड़ी थी। भारत देश की स्वतंत्रता के 75 वर्षों के अंतर्गत यह पहला अवसर है जब बलिया बलिदान दिवस के शुभ अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय आदित्य योगी नाथ जी ने अपना बहुमूल्य समय देते हुए हमारे बीच बलिया में उपस्थित हुए।
और जनता को अपने वक्तव्य द्वारा संबोधित किया । वहीं मुख्यमंत्री ने पुलिस लाइन में जनसभा को संबोधित किया। क्रांतिकारियों की धरती को नमन करते हुए सीएम योगी ने कहा कि आजादी के लिए बलिया ने जो गुलामी के प्रति जो अपना आक्रोश दिखाया था वह ना कभी भूलने वाला घर पर था। गुलामी की जंजीरों में जकड़े देश को आजादी के लिए बलिया के वीरों ने अपना योगदान दिया। मंगल पांडे ने स्वतंत्रता संग्राम के प्रति उत्साह जगाया। महात्मा गांधी ने जब अंग्रेजों में भारत छोड़ो का नारा 1942 ई0 में दिया था तब महान सेनापति चित्तू पांडेय ने अपनी भूमिका का निर्वहन किया इन्हीं सब का नतीजा है कि आज हम सब और हमारा देश आजाद है। आज इस धरती पर हम आकर अभिभूत हैं। आज उस क्रांतिकारी स्मृति को ताजा करने के लिए हम सभी उपस्थित हुए हैं।
बलिया बलिदान दिवस |
19 अगस्त का दिन |
पुस्तक | उत्तर प्रदेश का स्वतंत्रता संग्राम बलिया |
19 अगस्त 1942 ई0 को जब जेल का फाटक खोला गया तो स्वतंत्रता आंदोलन के लोग आजाद हुए थे। उस समय जिले में न सिर्फ बागी बलिया की जीत प्राप्त किया था बल्कि देश में सबसे पहले आजाद होने का गौरव भी प्राप्त कर लिया था। इस ऐतिहासिक घटना को यादगार स्वरूप में जब बृहस्पतिवार को दोहराया गया तो जिला कारागार के आसपास का पूरा माहौल देशभक्त के रंगों में सराबोर हो गया। उन पलों को याद कर बलिया जिले के लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। इसके बाद जनसमूह की शक्ल में नगर भ्रमण करते हुए बलिया जिले के नगर के लोगों ने देश के सच्चे सपूतों को श्रद्धांजलि अर्पित किया साथ ही कहा कि बागी बलिया को गुलामी ना तब शांति और ना ही अब इसे बर्दाश्त किया जा सकता है और ना कभी बर्दाश्त किया जाएगा।
5 साल से मेडिकल कॉलेज के लिए मांग रहा हूं जमीन :-
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्य योगी नाथ जी ने कहा कि बलिया में मेडिकल कॉलेज के लिए 5 साल से जमीन मांग रहा हूं, लेकिन अभी तक जमीन नहीं मिली। यह काम 3 साल पहले हो जाना चाहिए था। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज इसी काम के लिए मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र जी को साथ लेकर आया हूं। यहां की मूलभूत सुविधाओं को और मजबूत बनाना है। इससे पहले मंत्री दयाशंकर सिंह ने पीएम मोदी की आकर्षक प्रतिमा व राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी ने मंगल पांडे की पेंटिंग देकर मुख्यमंत्री का स्वागत किया था।
MSDSU Azamgarh University Change Time Table 2023
उत्तर प्रदेश का स्वतंत्रता संग्राम बलिया पुस्तक का मुख्यमंत्री ने किया विमोचन 2023 :-
बलिया बलिदान दिवस पर मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने ‘उत्तर प्रदेश का स्वतंत्रता संग्राम बलिया’ नामक पुस्तक का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने पुस्तक के लेखक डॉ शिवकुमार कोशिकेय को पुस्तक के माध्यम से बलिया की गौरवशाली गाथा का संजीव वरण करने के लिए सराहना की।